Everything about naat lyrics in urdu translation
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best naat lyrics in hindi
हाफ़िज़ कामरान क़ादरी अलीशा कियानी ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ki tasweer seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad madine me.n maujood hai ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ka jalwa to seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad m
हाजियो ! मुस्तफ़ा से कह देना, बे-सहारे सलाम कहते हैं
अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !
लाया कहाँ मुझ को मेरा मुक़द्दर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
ان نعتیں اردو زبان کے لئے ایک خوش اسلوب و ہموار ادائیگی کے ساتھ لکھی گئی ہیں۔
रुत्बा ये विलायत में क्या ग़ौस ने पाया है अल्लाह ने वलियों का सरदार बनाया है है दस्त-ए-'अली सर पर, हसनैन का साया है मेरे ग़ौस की ठोकर ने मुर्दों को जिलाया है अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर ! अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर ! लाखों ने उसी दर से तक़दीर बना ली है बग़दादी सँवरिया की हर बात निराली है डूबी हुई कश्ती भी दरिया से निकाली है ये नाम अदब से लो, ये नाम जलाली है अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर ! अल-मदद, पीरान-ए-पीर !
मैं पानी का प्यासा नहीं हूँ मेरा सर कटाने को दिल चाहता है वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं वहीं घर बनाने को दिल चाहता है जो देखा है
हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन की तस्वीर सीने में मौजूद है जिस ने ला कर कलाम-ए-इलाही दिया वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन का जल्वा तो सीने में मौजूद है जिस ने ला कर कलाम-ए-इलाही दिया वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है फूल खिलते हैं पढ़ पढ़ के सल्ले-'अला झूम कर कह रही है ये बाद-ए-सबा ऐसी ख़ुश्बू चमन के गुलों में कहाँ ! जो नबी के पसीने में मौजूद है हम ने माना कि जन्नत बहुत है हसीं छोड़ कर हम मदीना न जाएँ कहीं यूँ तो जन्नत में सब है मदीना नहीं और जन्नत मदीने में मौजूद है छोड़ना तेरा तयबा गवारा नहीं सारी दुनिया में ऐसा नज़ारा नहीं ऐसा मंज़र ज़माने में देखा नहीं जैसा मंज़र मदीने में मौजूद है ना'त-ख़्वाँ: महमूद जे.
हम्द-ए-ख़ुदा से तर हैं ज़बानें, कानों में रस घोलती हैं अज़ानें
भेजा है जन्नत से तुझ को ख़ुदा ने, चूमा है तुझ को ख़ुद मुस्तफ़ा ने
براہ کرم میرے پرچھونکی کچھ قطرے (مہربانی کے) بھی گرا دیں
अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !
Throughout all my daily life As well as in my prayers, I generate a supplication to pray guiding him [in the next everyday living]
हाफ़िज़ कामरान क़ादरी अलीशा कियानी ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ki tasweer seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad madine me.n maujood hai ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ka jalwa to seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad m